रेडियो के माध्यम से मन की बात का जनजातीय विद्यार्थियों पर प्रभाव
आज की बदलती हुई विश्व परिकल्पना में प्रसारण व संचार माध्यमों की अपनी विशिष्ट पहचान है। बीसवीं सदी को संचार क्रांति या मीडिया युग की संज्ञा दी जा सकती है। प्रेस, रेडियो और टेलीविजन के विस्तार में वैचारिक क्रांति, सामाजिक मान्यताओं, सांस्कृतिक मूल्यों एवं राजनीतिक चेतना के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन का सूत्रपात किया है। समग्र विश्व आज सिमट कर एक गांव बन गया है। संचार क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान रेडियो का रहा है। भारत में पहला रेडियो प्रसारण अगस्त 1921 ई का वह विशेष संगीत का कार्यक्रम था जो टाइम्स ऑफ इंडिया के डाक-तार विभाग के सहयोग से मुंबई कार्यालय से सर जॉन लॉयड के अनुरोध पर प्रसारण किया गया था। रेडियो की विकास यात्रा में सर्वप्रथम स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सेवा दिनांक 1 अप्रैल 1930 को प्रारंभ की गई, इसके पश्चात् 1936 में ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना हुई। ऑल इंडिया रेडियो का नामकरण 1997 में आकाशवाणी कर दिया गया। दिनांक 23 नवंबर 1997 को भारतीय प्रसारण निगम की स्थापना की गई। भारतीय प्रसारण निगम ने भारत के जनसाधारण के लिए आकाशवाणी द्वारा प्रस...