गोविन्द गिरी का भगत आंदोलन और मानगढ़ हत्याकांड
स्वतंत्रता के लिए सतत् संघर्ष और शौर्य परम्परा में राजस्थान का भारत ही नहीं, विश्व के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रहा है। राजस्थान के स्वतंत्रता आन्दोलन, सामाजिक और धार्मिक पुनरोत्थान और स्वदेशी आन्दोलन का राजस्थान के जन-जीवन पर काफी असर पड़ा है। श्यामजी कृष्ण वर्मा, केसरीसिंह बारहठ, गोपालसिंह, अर्जुनलाल सेठी, विजयसिंह पथिक और मोतीलाल तेजावत राजस्थान में जनजागृति के अगुवा रहे हैं, किन्तु स्वतंत्रता और सामाजिक, धार्मिक सुधार की पहली मशाल गुरू गोविन्दगिरी ने जलाई और राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम में भीलों को भागीदारी दिलाने का श्रेय भी पूर्णतया गुरू गोविन्द गिरी को जाता है। उन्होंने समाज सुधार का प्रचण्ड आन्दोलन छेड़कर लाखों भीलों को भगत बनाकर सामाजिक जनजागृति एवं भक्ति आन्दोलन के जरिये आजादी की अलख जगाई। जीवन परिचय - वागड़ में ब्रिटिश शासन एवं सामन्तवादी सत्ता के खिलाफ गुरू गोविन्द गिरी ने आवाज उठाई तथा जनजाति भील समाज की रूढ़िवादी मान्यताओं के खिलाफ उन्होंने बगावत के झण्डे गाड़ दिये और अपने त्याग, तपस्या और कर्मठता से स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास...